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Sookshmadarshini फिल्म सुक्ष्मता के साथ आपका मनोंरजन करने में होगी कामय़ाब, बेसिल जोसेफ़ का ग्रे शेड फिल्म की जान



एमपी नाउ डेस्क

Sookshmadarshini Movie Review - 2024 में रिलीज मलयालम फिल्म सूक्ष्मदर्शनी एक क्राइम, सस्पेंस, थ्रिलर जॉनर की एक और बेहतरीन कृति हैं जिसमें बेसिल जोसेफ़,नाज़रिया नाज़िम फ़हाद जैसे मलयाली सिनेंमा के कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई हैं। फिल्म ने अकेले मलयालम वर्जन में 55 करोड़ से अधिक की कमाई की थी, फिल्म के ओटीटी रिलीज को लेकर दर्शकों के लंबे इंतजार के बाद फिल्म के मेकर्स ने इस साल के शुरुआती महीने 11 जनवरी में जियो हॉटस्टार में स्ट्रीम किया था। सुक्ष्मदर्शी फिल्म ने एक बार फिर बता दिया कि मलयालम फिल्मों को लेकर दर्शकों के बीच चर्चा- तारीफें क्यों मिल रही है। इस फिल्म को एमजी जितिन ने निर्देशित किया है तो वही फिल्म को लिखने की जिम्मेदारी लिबिन टीबी और अतुल रामचन्द्रन ने उठायी हैं।

कहानी एक जिज्ञासु प्रवृति की एक महिला पड़ोसी के इर्द गिर्द 

फिल्म की कहानी एक जिज्ञासु प्रवृति की एक महिला पड़ोसी के इर्द गिर्द बुनी गई है, कहानी की शुरुआत प्रियदर्शिनी नामक एक महिला (नाज़रिया नाज़िम) द्वारा अपनी एक महिला मित्र से फर्जी वर्क एक्सपीरियंस सर्टीफिकेट बनाने से होती है, जहां उसकी बाहर खड़ी गाड़ी में कोई अन्य कार डेन्ट मारकर चला जाता है। इस बात का बदला कैसे ले जब उसें पता ही नही है कि किस व्यक्ति ने उसकी गाड़ी को डेन्ट मारकर गया है लेकिन कहते हैं न दुनिया गोल है, उसी गोल दुनिया में वह डेन्ट करने वाले लोग और प्रियदर्शनी का सामना हो जाता है।

इसका पता न प्रियदर्शिनी को होगा न उस कार में बैठे लोगों को, यह तो फिल्म के खत्म होने से कुछ सेकंड पहले पता चलेगा कि प्रियदर्शिनी की कार को उन्हीं लोगों ने ठोंका था जिसें वह किसी अन्य मामले को लेकर जेल की सजा दिला देती हैं। कहानी को लेकर सबसे पहले एक चीज़ ही खटकती है वह प्रियदर्शिनी का स्वभाव भी किसी और के मुद्दे में इतना अधिक घुसने की प्रवृति उसके अंदर क्यों थी कि वह किसी और के मामलें को लेकर अपनी जान तक जोख़िम में डाल ले, खैऱ। इस बात को छोड़कर बाकी सब फिल्म में ठीक ही हैं।


प्रियदर्शिनी जिस मोहल्ले में किराए से रह रही होती है, वह एक नया पड़ोसी मैनुअल (बेसिल जोसेफ़) अपने बंद पडें घर में अपनी मां के साथ रहने आता है, मैनुअल एक बेहद ही ईमानदार और सज्जन किस्म का व्यक्ति है, जिसे देखकर अन्य कोई उसके बारे में कभी गलत सोच ही नही सकता लेकिन वही प्रियदर्शिनी (नाज़रिया नाज़िम) की नज़रों में वह हमेशा ही ख़टकता रहता है। जो व्यक्ति सबसे अच्छे से बात करता है, पड़ोसियों को दावत देता है किसी से कोई झगड़ा नही उसे लेकर प्रियादर्शेनी के मन में संदेह बना रहता है कि वह कुछ गलत कर रहा है।

वह उसके घर की कूकर की सीटी, छत में सुख रहें कपड़े से लेकर हर छोटी- बड़ी बातों को शक की निगाहों से देखती है, और जब उसकी मां अलजाइमर की बीमारी के कारण खो जाती है, इसे लेकर प्रियदर्शिनी मैनुअल के घऱ के अंदर होने वाली घटनाओँ को लेकर जासुसी में जुट जाती हैं लेकिन मैनुअल की मां के मिलने फिर घूम जानें से, फिल्म में बेहद ही अटपटी हरकतों से आपका दिमाग घूमने लगता है यही फिल्म की खूबसुरती है। एक बार तो आपकों लगने लगेगा कि कही ये कोई कॉमेडी फिल्म तो नही लेकिन अंत मे जो राज खुलता है वह बेहद ही चौंकाने वाला होता है, जो प्रियादर्शेनी के साथ आपके लिए भी दंग करने वाला होने वाला हैं।

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अभिनय की बात करें तो बेसिल जोसेफ़ हमेशा की तरह फिर चौकानें में कामायब हुए, ख़ासकर फिल्म के क्लाइमेक्स वाले सीन में जो उनका ग्रे शेड समाने आता है, वह बेहद ही सराहानीय है। जब वह प्रियदर्शिनी की कार के ऊपर किसी हथियार के साथ हमला कर रहें होते है बाक़ी पुरी फिल्म में उनके चेहरे भाव को देखकर यकीन नही होने वाला कि इस भोले चेहरे के पीछे एक आरोपी भी है। अन्य कलाकारों में सिध्दार्थ भारतन, अखिला भार्गव, पूजा मोहनराज, दीपक परामबोल, मनोहरी जॉय ने अपने हिस्से में आए कामों को ठीक किया है।

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मलयालम सिनेमा की ख्याति में एक और चाँद जोड़ती सुक्ष्मदर्शी वाक़ई में एक बेहतरीन फिल्म हैं, ख़ासकर ऐसे दर्शकों के लिए जिन्हें सस्पेंस, थ्रिलर, क्राइम जॉनर में फिल्म देखना पंसद हैं। फिल्म की कहानी औऱ कथानक इतनी बेहतरीन तरीकें से रचा गया है कि एक बार फिल्म देखना शुरु करने के बाद आप कहानी में आगे क्या होने वाला है ये जाननें के लिए उत्सुक रहेगें या फिर आगे क्या होने वाला है, उसका अनुमान लगाने की कोशिश मे आपके दिमाग के घोड़े दौड़ते रहेगें। फिल्म आपकों बांधे रखने में कामयाब होती है।

अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।


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